गुरुवार, 10 जनवरी 2008

apki salaah

welcome friends,
barityahindi blog par aapka swagat hai
ye hindi roman font me rahe to kisa hoga?
apni rai bheje

4 टिप्‍पणियां:

amiteshwar ने कहा…

koi buraai nahi hai bahut se users aisa karte hai

ameet ने कहा…

bhartiyahindi kyon hindi kyon nahio

अरिमर्दन कुमार त्रिपाठी ने कहा…

हिन्दी की स्वाभाविकता देवनागरी में ही है. बधाई हो ! ब्लाग पर अच्छी सामग्री दिया है आपने....

amiteshwar ने कहा…

धन्यवाद! अरिमर्दन भाई,

आपने बिल्कुल सही कहा कि हिन्दी की स्वभाविकता देवनागरी में ही है |
देवनागरी में ही होने से ये अपने संस्कार के साथ आगे बढ़ सकती है और अपने को सशक्त बना कर विश्व पटल पर छा सकती है |

टिप्पणी के लिये धन्यवाद....